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आलस्य पर दोहे | Aalasy ( Laziness ) Par Dohe

आलस्य पर दोहे | Aalasy ( Laziness ) Par Dohe – आलस्य इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है. यह व्यक्ति को कमजोर और डरपोक बनाता है. आलसी व्यक्ति जीवन का मूल्य समझ नहीं पाता है जिसके कारण कर्म करने में उसकी कोई रुचि नहीं होती है. अच्छे भोजन करना और ज्यादा से ज्यादा समय तक आराम करना या सोना ही उसका लक्ष्य होता है. ऐसे लोगो से उचित दूरी बनाकर रहे. नहीं तो अब भी इस बीमारी के शिकार हो सकते है.

आलस्य पर दोहे

आलस्य पर दोहे
आलस्य पर दोहे | Aalasy Par Dohe

रात गँवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय।
हीरा जनम अनमोल सा, कौड़ी बदले जाय।।


कबीर सुता क्या करे, जागी ना जपे मुरारी ।
एक दिन तू भी सोवेगा, लंबे पांव पसारी।।


रहिमन आलस भजन में , विषय सुखहि लपटाय।
घास चरै पसु स्वाद तै, गुर गुलिलाएं खाय।।


Laziness Par Dohe

Laziness Par Dohe
Laziness Par Dohe | आलसी पर दोहे

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।।


Aalasy Par Dohe
Aalasy Par Dohe | आलस्य पर दोहे | आलसी व्यक्ति पर दोहे

पाछे दिन पाछे गए, हरि से किया न हेत।
अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गयी खेत।


आलस्य किसे आता है ? – जो व्यक्ति ज्यादा सुख-सुविधा पाता है, उसमें आलस्य होने की संभावना ज्यादा होती है. क्योंकि इंसान सबसे ज्यादा परिश्रम अपने आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करता है. ज्यादातर लोग इसलिए भी आलसी हो जाते है क्योंकि उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य ही नहीं पता होता है. कुछ लोग ऐसे भी होते है जो गलत लक्ष्य बनाकर परिश्रम करने लगते है.

आलस्य को भगाने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि आपको पूरे दिन में क्या काम करना है. यह आपको पता होना चाहिए। उन कार्यों को करने के लिए एक समय-सीमा निर्धारित करें और उसके अंदर उसे पूरा करने का प्रयास करें। आलस्य को दूर करने के लिए योग, व्यायाम, घर पर देशी कसरत, सुबह में दौड़ना, जिम आदि का सहारा भी ले सकते है.

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