Shayari

खुले बालों पर शायरी

लहराते बाल जब चेहरे पर आते हैं,
दिल के तार किसी साज की तरह बज जाते है।
लहराते बालों पर शायरी


उनके खुले बालों को
शाम की हवाओं में उड़ते देखा है,
अक्सर इतरा कर उन्हें
बालों को झटक कर मुड़ते देखा है.


तेरे लहराते बालों की शोखी का आलम देख,
मौसम भी अपना रंग बदलने लगता है।


तेरी होठों की खामोशी भी आवाज हो जाती है,
बालों को यूं ना बांधा करो, हवाएं नाराज हो जाती है.


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