Prayagraj Sangam Shayari Status Quotes Image in Hindi – इस आर्टिकल में संगम शायरी स्टेटस कोट्स इमेज आदि दिए हुए है. इसे जरूर पढ़े.
प्रयागराज हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है. यहां पर पवित्र नदी गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है. जहाँ पर तीनों पवित्र नदियों का मिलन होता है उसे संगम या त्रिवेणी संगम कहा जाता है. धर्म ग्रंथों में ऐसा वर्णित है कि संगम में स्नान करने से जीवन के सारे पाप कट जाते है. पाप कटे या ना कटे लेकिन मन सकारात्मक विचार तो आ ही जाते है. संगम के किनारे जब माघ मेला लगता है तो देश-विदेश से करोड़ो लोग आते है. इस मेले में स्नान का ही सबसे बड़ा महत्व होता है. बहुत से लोग किनारे ही स्नान करते है तो बहुत लोग संगम पर जाकर स्नान करते है.
Sangam Shayari in Hindi
पावन पवित्र संगम की धारा
तन तारणि दुख हारणि सारा
मातु सरस्वती गंगा यमुना से
सदियों से है गहरा प्रीत हमारा।
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
अच्छे बुरे सब लोग यहाँ
श्रद्धा की डुबकी लगाते हैं
पावन संगम के तट पर
पाप सभी धुल जाते हैं
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
जिसके घाट का पानी पीकर
पापी राक्षस भी तर जाता है
वो गंगा यमुना सरस्वती मिलन
ही पावन संगम तट कहलाता है.
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
Sangam Status in Hindi
गंगा, यमुना और सरस्वती की तरह संगम हो,
जीवन में प्रेम का रिश्ता ना टूटे ऐसा बंधन हो.
संगम में धुल लो जीवन के सारे पाप,
तन निर्मल हो जाएगा और तन साफ़.
संगम के किनारे बड़ा ही सुकून मिलता है,
कभी वक़्त निकाल कर कुछ देर बैठों तो सही.
Sangam Quotes in Hindi
सब हों सच्चे और अच्छे तो
कहीं किसी को ग़म ना हो
प्रेम हो तो हो ऐसा जो
जीवन भर कम ना हो
सौ बार मिलना बेकार किसी से
यदि मन में भावों का संगम न हो.
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
तेरी यादों का संगम है ये
जो आँसू बनकर बहता है
इक न इक दिन होगा मिलन
मन बार बार यही कहता है
दूर हो मुझसे भले ही तुम
पावन अहसास तो रहता है.
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
अहसासों के संगम में
यूं ही डूब ना जाओ तुम
सोचो समझो और बनो पारखी
फिर किसी पे जान लुटाओ तुम.
वेद प्रकाश वेदांत
संगम शायरी
वो पावन संगम तो नहीं
जिसमें तुम और हम ना हों
उस जीवन का मजा ही क्या
जिसमें थोड़े से ग़म ना हों ।।
वेदप्रकाश वेदांत
संगम के तट पर देखो
भक्त हैं भक्ती के अधीर
एक ही डुबकी मात्र से
मिटा रहे तन मन की पीर।।
वेद प्रकाश वेदांत
संगम स्टेटस
ना जाने कितनी उदासियों और तन्हाइयों,
को संगम ने अपने प्रेम से भर दिया होगा।
अगर इस बार प्रयागराज जाऊँगा,
तो संगम के सुकून को चुरा लाऊँगा।
Sangam Shayari
मन भ्रमित हो
दिल दुखी हो
रूठी हो तकदीर
क्षण भर में आराम मिलेगा
आओ बैठो संगम के तीर ।।
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
गंगा जी का भूरा रंग है
और नीला यमुना जी का
संगम दर्शन करने से
कल्याण होता सभी का ।।
वेद प्रकश वेदांत
संगम की निर्मल धाराएँ
तन मन को पावन करती हैं
गंगा मैया तो माँ की माँ हैं
जन जन का दुख हरती हैं ।।
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
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