Shayari
झोपड़ी शायरी | Jhopadi Shayari
गरीब की झोपड़ी पर शायरी | Shayari on Hut in Hindi
झोपड़ी को भी महलों के बराबर बताता है,
जो मोहब्बत को समझता और समझाता है.
झोपड़ी की चाहते सहम जाती है सिर्फ इक बरसात से,
महल वालों को सुकून नहीं मिलता है धीमी बरसात से.
किसी झोपड़ी वाले ने संभाला है तेरे छोड़ जाने के बाद,
अब हम अपने दुःख में महल वालों को नहीं करते है याद.
न जाने क्यों ये दिल इस बात पर अड़ा है,
मेरा झोपड़ा उस महल से बहुत बड़ा है.
हवाएँ भी गरीबों पर ही जुल्म ढाया करती है,
तेज हवाएँ झोपड़ियों को ही उड़ाया करती है.
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