Shayari
जनसंख्या पर शायरी | Shayari on Population in Hindi
बढ़ती जनसँख्या पर शायरी | Badhti Jansankhya Par Shayari
एक दिन सबकों करना पड़ेगा स्वीकार,
बढ़ती जनसंख्या है मानवता की हार.
बिना सोचे-समझे इस कदर, जनसँख्या को बढ़ाओगे,
तो एक दिन बिना भोजन और पानी के मर जाओगे.
जनसंख्या जागरूकता शायरी
खुद की गलती दूसरों से नहीं बोलते हैं,
जनसंख्या बृद्धि पर भी सरकार को कोसते हैं.
जनसंख्या बृद्धि की समस्या का कोई समाधान तो बताएं,
समाधान तो आसान पर उसपर चलकर कौन दिखाएं।
विश्व जनसँख्या दिवस पर शायरी | Shayari on World Population Day in Hindi
अब इन सरकारों को भी जागरूक होना चाहिए,
जनसँख्या नियंत्रण के लिए कोई कड़ा कानून होना चाहिए।
बढ़ गयी आबादी, बढ़ गयी गाड़ियाँ
फिर भी इन्हे चलाएंगे हम,
अमेरिका से बात चल रही है
हवा में सड़क बनाएंगे हम.
दम है तो जागरूक बनो-बनाओ और लो ये प्रण,
सुख से जीने के लिए जनसँख्या को करोगे नियंत्रण।
बढ़ती जनसँख्या की गिनती,
परेशान करती है जिंदगी।