जनसंख्या पर शायरी | Shayari on Population in Hindi
जनसंख्या वृद्धि शायरी | Population Shayari in Hindi
जनसँख्या सोचने पर हो रहा विवश देख अपने हालत को,
क्यों जन्मा मैं समझ रहा है माँ-बाप के जज्बात को.
अब शुद्ध हवा भी नहीं ले सकते है आजादी से,
ऑक्सीजन ही कम मिलता है इस बढ़ी आबादी से.
ताकत नहीं होती है बढ़ती हुई आबादी,
सोचोगे तब समझ में आएगा ये होती है बर्बादी।
समस्याओं का जड़ है आबादी बढ़ते जाना,
सीमित संसाधन है और दोहन करते जाना,
जनसँख्या नियंत्रण पर शायरी | Population Control Shayari
अगर आप देश का करना चाहते है विकास,
तो जनसंख्या नियंत्रण पर खुलकर करे बात.
गरीबी, भूखमरी, बाल मजदूरी खत्म हो जायेगी,
जनसंख्या नियंत्रण की बात जब समझ में आएगी।
जनसंख्या वृद्धि ने भी गजब ढाया है,
हर जगह इंसान ही इंसान नजर आया है,
पीछे इक घंटे से खड़े है टॉयलेट के बाहर
अरे भाई जल्दी करो… बहुत जोर से आया है.
Funny Shayari on Population
महंगाई तेजी से बढ़ रही है,
आम लोगो का जीना मुश्किल कर रही है
जनसंख्या जो इतनी तेजी से बढ़ेगी
तो आने वाले समय में बहुत से समस्याए पैदा करेगी।